मेरे सब्र का न ले इम्तिहान, मेरी खामोशियों को सदा न दे
किसी को प्यार करना और उसे हमेशा के लिए पा सकना जिंदगी की सबसे खूबसूरत घटना है…
लेकिन किसी को बेइंतिहा प्यार करना और उसे खो देना, यह जिंदगी की दूसरी ऐसी घटना है जो हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा होती है…
आखिर खोने से पहले बहुत कुछ जो हमने पाया होता है, उसे हमसे कोई छीन नहीं सकता.
मेरे सब्र का न ले इम्तिहान, मेरी खामोशियों को सदा न दे।
तेरे बगैर जी न सके, उसे जिन्दगी की दुआ न दे।
तू अजीज दिल-ओ-नजर से है, तू करीब रग-ऐ-नजर से है।
मेरे जिस्म-ओ-जान का ये फासला, कहीं वक्त और बढ़ा न दे।
तुझे भूल के भी भुला न सकूं, तुझे चाह के भी पा न सकूं।
मेरी हसरतों को शुमार कर, मेरी चाहतों का सिला न दे।
जरा देख चाँद की पत्तियों ने, बिखर-बिखर तमाम शब्।
तेरा नाम लिखा है रेत पर, कोई लहर आके मिटा न दे।
नए दौर के नए ख्वाब हैं, नए मौसमो के गुलाब हैं।
ये मोहब्बतों के चिराग है, उन्हें नफरतों की हवा न दे।
मैं उदासियों न सजा सकूं, कभी जिस्म-ओ-जान के नजर पर।
न दिए जले मेरी आँख में, मुझे इतनी सख्त सजा न दे।
मो. हासिम सिद्दीकी द्वारा भेजी गयी