ऐ खुदा, तुझसे नाराज हूँ – हिंदी कविता
साधू संत अब
माया के पीछे पड़े हैं,
माया तो छोड़ो,
चरित्र से भी गिरे हैं.
और कुछ तो
अपनी दुकानदारी में लगे हैं.
आत्मा – परमात्मा
की बात करने वाले,
बीसियों पहरेदारों
से घिरे हैं.
इसलिए,
ऐ खुदा,
तुझसे नाराज हूँ,