राजधानी दिल्ली का सिग्नेचर ब्रिज चालू, जानिए पांच दिलचस्प बातें

राजधानी दिल्ली के बहुप्रतीक्षित सिग्नेचर ब्रिज का करीब 14 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद रविवार को उद्घाटन कर दिया गया। इसे बनाए जाने की घोषणा साल 2004 में दिल्ली की शीला दीक्षित सरकार के वक्त हुई थी और इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया।

यमुना नदी के ऊपर बने इस ब्रिज से उत्तर और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बीच सफर करनेवाले लोगों की समय में बचत होगी। इसके साथ ही, वजीराबाद पुल के ऊपर ट्रैफिक का बोझ भी कम होगा।

उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इससे पहले कहा था- “पेरिस के एफिल टावर की तरफ सिग्नेचर ब्रिज के टॉप से शहर के विशाल दृश्य को देखकर एंज्वॉय किया जा सकेगा। चार एलिवेटर्स के जरिए विजिटर्स को ब्रिज के टॉप पर ले जाया जा सकेगा, जिसकी कुल क्षमता 50 लोगों की होगी।”

 

 

आइये जानते हैं दिल्ली के आइकोनिक सिग्नेचर ब्रिच की पांच बड़ी खासियत-

1-यह सिग्नेचर ब्रिज ‘नमस्ते’ के रूप में दिखते हुए देश का पहला केबल स्टाइल ब्रिज है। दूसरे चरण में इस ब्रिज को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा।
2-ब्रिज के ऊपर ग्राफिक्स आधुनिक और प्रगतिशील भारत को प्रदर्शित कर रहा है। ब्रिज पर 154 मीटर हाई ग्लास व्यूइंग बॉक्स है जो कुतुब मीनार की ऊंचाई से करीब दोगुनी है। 575 मीटर लंबा यह ब्रिज सेल्फी स्पॉट भी होगा।
3-आठ लेन की यह सिग्नेचर ब्रिज वजीराबाद रोड को आउटर रिंग रोड से जोड़ता है। जिससे गाजियाबाद की तरफ जानेवालों को कम से कम 30 मिनट का समय बचेगा।
4-सिग्नेचर ब्रिज के मुख्य पिलर की ऊंचाई 154 मीटर है। ब्रिज पर 19 स्टे केबल्स हैं, जिन पर ब्रिज का 350 मीटर भाग बगैर किसी पिलर के रोका गया है। पिलर के ऊपरी भाग में चारों तरफ शीशे लगाए गए हैं।
5-यह ब्रिज यहां के आसपास की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देगा क्योंकि इसे देखने के ले न सिर्फ एनसीआर और देशभर से बल्कि दुनियाभर के लोग आएंग। इसका निश्चित तौर पर सामाजिक-सांस्कृतिक असर होगा।

 

Source: Signature Bridge


About

Surendra Rajput

Hindi blogger and Social Media Expert.