कार्दाशेव स्केल के अनुसार ब्रह्माण्ड में हम किस लेवल की विकसित सभ्यता पर हैं?
हम सबने अभी तक मानव सभ्यताओं के बारे में पढ़ा है, जैसे पुरापाषाण युग, नवपाषाण युग, ताम्र पाषाण युग, कांस्य युग और सिंधु घाटी सभ्यता आदि आदि… अब इन सभ्यताओं के विकास के क्रम में बांटा गया है जैसे वो क्या खाते थे, क्या पहनते थे, कैसे रहते थे आदि.. यही मानव के विकास का क्रम था.. मानव विकास में आज हम आधुनिकतम हैं क्यूंकि हम अपने से पिछली पीढ़ी के मुकाबले बहुत सारी खोज कर चुके हैं, रहने-खाने के नए जुगाड़ ढूंढ चुके हैं. मानव चन्द्रमा पर कदम रख चुके हैं और मंगल ग्रह पर पहुंचने की तैयारी है. मानव निर्मित अंतरिक्ष यान सौर मंडल की परिधि को पार कर ब्रह्माण्ड के रहस्यों को खोजने आगे बढ़ चुका है. मानव ने ऊर्जा प्राप्त करने के नए तरीके ढूंढें जैसे पेट्रोलियम, सौर ऊर्जा,पवन ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा. ये है मानव के विकास का क्रम. और भविष्य में मानव और कितना विकास करेगा इसके बारे में बहुत सी परिकल्पनाएं हैं.
लेकिन अगर हम मानव विकास के क्रम को छोड़ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में विकास की बात करें तो….. तो इसके लिए हमारे वैज्ञानिकों ने बहुत सारी रिसर्च की. इसमें से एक रिसर्च है वैज्ञानिक कार्दाशेव की. इन्होने सभ्यता को मापने के लिए एक पैमाना तैयार किया है, आइये जानते हैं कार्दाशेव और उनकी थ्योरी के बारे में.
क्या है कार्दाशेव पैमाना:
कार्दाशेव स्केल सभ्यता मापने का पैमाना है जो तकनीकी उन्नति के आधार पर है. सोवियत संघ के अंतरिक्ष वैज्ञानिक कार्दाशेव ने 1964 में यह परिकल्पना पेश की जो ऊर्जा के खपत और उत्पादन के आधार पर है. यह स्केल हाइपोथेटिकल (काल्पनिक, Log) है और ब्रह्माण्ड में ऊर्जा की खपत के आधार हमें यह जानकारी प्रदान करती है की हम किस श्रेणी की सभ्यता में जी रहे हैं.
सभ्यता के प्रकार:
- ग्रहीय सभ्यता:
यह प्रथम प्रकार की सभ्यता है जो अपने ग्रह की हर तरह की ऊर्जा का दोहन करने में सक्षम है. ये अपने ग्रह के सम्पूर्ण प्राकृतिक ऊर्जा श्रोतो को कंट्रोल करते हैं जैसे, ज्वालामुखी, भूकंप, तूफ़ान आदि. ये अपने पडोसी तारे/सूर्य से भी कुछ ऊर्जा ग्रहण करने और संग्रह करने में सक्षम हैं.
- अन्तर्ग्रहीय सभ्यता:
दूसरे प्रकार की यह सभ्यता अपने सूर्य या तारे की सम्पूर्ण ऊर्जा का उपयोग करने में सक्षम है. ये बहुत बड़े स्ट्रक्चर जैसे Dyson Sphere से अपने सूर्य को घेर कर उसकी सम्पूर्ण ऊर्जा उत्सर्जन का उपयोग कर लेते हैं. यह उसी प्रकार है जैसे हम सौर ऊर्जा का कुछ हिस्सा सोलर प्लेट के जरिये उपयोग में लाते हैं. ये अपने सूर्य की फ्यूज़न एनर्जी की निगरानी करते हैं. इस तरह की सभ्यता बहुत सारे ग्रहों का अधिग्रहण करने में सक्षम है. उनके पास ऊर्जा का इतना भण्डार है की इन्हे निकट भविष्य में ऊर्जा की कमी का कोई खतरा नहीं है. बिलकुल वैसे ही जैसे हमारी पृथ्वी पर पेट्रोलियम और कोयले के निकट भविष्य में ख़त्म होने का खतरा मंडरा रहा है और हमें सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा के दोहन करने के लिए नए तरीकों की खोज करने की जरूरत पड़ रही है.
उदहारण के लिए हॉलीवुड फिल्म “स्टार वार्स, स्टार ट्रेक की सीरीज” और “मास इफ़ेक्ट” देखें.
- अंतरसौरमण्डलीय सभ्यता:
तीसरे प्रकार की सभ्यता के लोग एक सौरमंडल से दूसरे सौरमंडल अर्थात अपने आकाश गंगा की यात्रा कर सकने में सक्षम हैं. ये एक तारे से लेकर दूसरे तारे तक ऊर्जा संग्रहीत करते हैं और दूसरे सौरमंडल के ग्रहों पर अपनी कालोनियां बनाते हैं. ये सिर्फ जीव नहीं होते हैं बल्कि साइबोर्ग (आधे जीव और आधे रोबोट) होते हैं जो सभ्यता के मामले में बहुत ही अत्याधुनिक हैं. उनकी तुलना में अभी हम बहुत ही पिछड़े हैं.
ये साइबोर्ग अपने जैसे साइबोर्ग बना सकते हैं और एक गैलेक्सी में एक ग्रह से दूसरे ग्रह पर कब्ज़ा करके अपनी कालोनियां बढ़ाते हैं.
तीसरे प्रकार से भी उन्नत सभ्यता:
कार्दाशेव के अनुसार चौथे प्रकार की सभ्यता तीसरे प्रकार की सभ्यता से भी बहुत ज्यादा आधुनिक है इसलिए उन्होंने चौथे प्रकार की सभ्यता के बारे में कुछ नहीं बताया. लेकिन कुछ वैज्ञानिकों जैसे, मिशिओ काकू, रोबर्ट जुबरिन और कार्ल सागन ने चौथे प्रकार की सभ्यता को इस स्केल में जोड़ा है जो इस प्रकार हैं.
- अंतर आकाशगंगीय सभ्यता:
यह अत्यंत ही उन्नत सभ्यता है और यह अपनी आकाशगंगा की सम्पूर्ण ऊर्जा का उपयोग करते हैं. इतने उन्नत प्रकार के जीव हो सकता है किसी बहुत ही बड़े ब्लैक होल में रहते हों और हो सकता है वो स्पेस -टाइम को कंट्रोल कर सकते हों.
- इस प्रकार के जीव हमारी सोच से परे हैं. ये बहुत सारी आकाश गंगाओं की सम्पूर्ण ऊर्जा का उपयोग करते हैं और ये इतनी उन्नत सभ्यता के हैं की गैलेक्सी की गति, स्पेस-टाइम आदि को अपने अनुसार प्रभावित कर सकते हैं. इन्हें हम भगवान मान सकते हैं
हम इस स्केल पर कहाँ हैं:
इस स्केल पर इतने विकसित सभ्यताएं हैं की उनके आगे हम कहीं नहीं टिकते हैं. अभी हम इस स्केल पर शून्य से भी नीचे हैं. अभी हम अपने सूर्य की पृथ्वी पर आने वाली कुल ऊर्जा का हजारवां हिस्सा भी उपयोग में नहीं ला पा रहे हैं और अभी भी हम पेड़-पौधों और जानवरों की ऊर्जा पर निर्भर हैं. अभी भी हम पृथ्वी के प्राकृतिक ऊर्जा श्रोतों जैसे पेट्रोलियम और कोयले पर निर्भर हैं. हो सकता है अभी हमें प्रथम प्रकार की सभ्यता तक पहुंचने में 100 से 200 साल तक का समय लग जाए ये फिर इससे भी ज्यादा.
- advanced civilization
- alien abduction
- alien civilization types
- ancient advanced civilizations
- ancient civilizations
- civilization scale
- dyson sphere
- kardashev civilization
- kardashev scale
- kardashev type
- kardashev type ii
- levels of civilization
- most advanced civilization
- planets to scale
- stages of civilization
- the kardashev scale
- type 0 civilization
- type 1 civilization
- type 2 civilization
- type 3 civilization
- type 4 civilization
- types of civilizations