हिंदी कविता – सुख-दुःख
सुख दुःख तो ईश्वर का चक्रव्यूह है.
यह मनुष्य के लिए गणित का एक प्रकार से आव्यूह है.
यदि ये चक्र एक बार मनुष्य से टूट जाए.
तो वही इस संसार का अभिमन्यु कहलाये.
हे ईश्वर! आपने इतने दुःख क्यों बनाये.
इंसान जो इन दुखों को सह ही न पाए.
अगर ये सारे दुःख आपकी कृपा से गुम हो जाएँ.
तो प्रत्येक मनुष्य कितने सारे सुख पाए.
साभार: चांदनी निषाद