हिंदी कविता – भविष्य की कल्पना
दाने गिनकर दाल मिलेगी,
गेंहूं की बस छाल मिलेगी.
पानी के इंजेक्शन होंगे,
घोषित रोज इलेक्शन होंगे.
हलवाई हैरान मिलेंगे,
बिन चीनी मिष्ठान मिलेंगे.
जलने वाला खेत मिलेगा,
बस मिट्टी का तेल मिलेगा.
शीशी में पेट्रोल मिलेगा,
आने वाली पीढ़ी को.
राजनीति में तंत्र मिलेगा,
गहरा एक षड़यंत्र मिलेगा.
न सुभाष, न गाँधी होंगे,
खादी के अपराधी होंगे.
जनता गूंगी बहरी होगी,
बेबस कोर्ट कचहरी होगी.
मानवता की खाल मिलेगी,
आने वाली पीढ़ी को.
प्यासों की भी रैली होगी,
गंगा बिलकुल मैली होगी.
घरों घरों में फैक्स मिलेगा,
साँसों पर भी टैक्स लगेगा.
आने वाली पीढ़ी पर.
साभार: रावेन्द्र कुमार
Image Source: https://www.youtube.com/watch?v=jpgyD1Hs_sY