दुनिया के महान धनुर्धर एकलव्य को किसने मारा और क्यों?
एकलव्य की कहानी बेहद मार्मिक है, महाभारत की कहानी में जिन्हें सदाचारी और हमेशा धर्म की राह पर चलने वाला दिखाया गया है, दरअसल एकलव्य के जीवन में वही लोग सबसे अधिक क्रूर साबित हुए।
एकलव्य की कहानी बेहद मार्मिक है, महाभारत की कहानी में जिन्हें सदाचारी और हमेशा धर्म की राह पर चलने वाला दिखाया गया है, दरअसल एकलव्य के जीवन में वही लोग सबसे अधिक क्रूर साबित हुए।
यह नहीं भूलना चाहिए की लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाकर रखने की जिम्मेदारी केवल मीडिया की ही नहीं बल्कि उस समाज की भी है जो उस देश का नागरिक है.
आप लोगों में से कई ने “नमक का दरोगा” नाम की कहानी तो पढ़ी होगी. जिसमे ईमानदारी और किसी भी तरह की रिश्वत स्वीकार न करने के बावजूद नौकरी से हाथ धोना पड़ता है. लेकिन ईमानदारी का फल अंत में मीठा ही मिला.
वरुण प्रुथी के द्वारा फिल्माया गया ये विडियो एक सत्य घटना पर आधारित है जो एक ऐसे ही भाई की कहानी दिखता है। जिसने दूसरे की बहन को बचाने के लिए अपनी जान दे दी।
कर्ण को हमेशा ही दुर्योधन के समर्थक के रूप में देखा गया, लेकिन अगर इसे मित्रता के रूप में देखें तो हमेशा ही कर्ण सबसे आगे दिखाई देता है. कर्ण को जब सबने दुत्कार दिया, चाहे वो कर्ण की माँ कुंती हो या गुरु द्रोणाचार्य हों, तब दुर्योधन ने मित्रता निभाई.
वैदिक, पौराणिक और धार्मिक आस्था तथा ऐतिहासिकता को समेटे कानपूर आर्य सभ्यता का प्राचीन केंद्र रहा है. कानपूर के इस भू-भाग में पौराणिक काल के बहुत से ऋषि मुनियों का प्रवास और जन्म स्थान की मान्यता भी है.
दाने गिनकर दाल मिलेगी,
गेंहूं की बस छाल मिलेगी.
आने वाली पीढ़ी को.
हम शहीदों की राहों के जलते दिए,
हमको आंधी भला क्या बुझा पाएगी.
इक्ष्वाकु सूर्यवंशी राजाओं की राजधानी के रूप में प्रसिद्ध अयोध्या का प्राचीन नाम कौशल था. रामायण(Ramayan) में मनु द्वारा स्थापित अयोध्या में श्री राम(Shri Ram) सर्वाधिक प्रसिद्ध राजा हुए, जो भगवान् विष्णु (Lord Vishnu) के अवतार माने जाते हैं.