कैंसर क्या है? बीमारी या बिजनेस? क्या इसका प्राकृतिक उपचार संभव है?
“कैंसर शब्द ही झूठ है…”
आपको विश्वास नहीं होगा, लेकिन कैंसर कोई बीमारी नहीं बल्कि ये बहुत बड़ा बिजनेस है.
हम सबके मन में एक विश्वास पैदा किया गया की कैंसर बच्चे, बूढ़े और जवान किसी को भी हो सकता है.
दुनिया में बड़े बड़े बिजनेसमैन, राजनेता हैं जो बहुत सारी चीजों को कंट्रोल करते हैं, और उन्हें अपने हिसाब से चलाकर खूब पैसा कमाते हैं. लेकिन जब तक यह आम जनता जान पाती है तब तक वो करोड़ों, अरबों रुपये कमा चुके होते हैं.
क्या आपने “World Without Cancer” किताब पढ़ी है? शायद नहीं, क्योंकि इसे दुनिया की कई भाषाओं में ट्रांसलेट करने से रोक दिया गया है. लेकिन क्यों? ये आप इस पोस्ट को पूरी पढ़ने के बाद समझ जाएंगे.
कैंसर क्या है: कैंसर कुछ नहीं है, ये केवल विटामिन B17 की कमी है.
इसलिए कीमोथेरेपी,सर्जरी और बहुत अधिक साइड इफेक्ट वाली दवाओं को खाने से बचना चाहिए. क्योंकि इसके बाद आप एक बार डॉक्टर के चक्कर के नहीं निकल पाएंगे.
पुराने जमाने की एक हकीकत सुनिये, तब हवाई जहाज नहीं थे, लोग पानी के जहाज़ों पर यात्रा करते थे. एक देश से दूसरे देश तक जाने में महीनों लग जाते थे. महीनों तक खान – पान अव्यवस्थित हो जाता था जिसकी वजह से स्कर्वी नाम का रोग हो जाता था. इस स्कर्वी की वजह से बहुत से लोग मर जाते थे. लेकिन बिजनेसमैन इसमें भी कहाँ काम थे, उन्होंने दवाओं के नाम पर करोड़ों कमाए. लेकिन बाद में वैज्ञानिकों ने पता लगाया तो पता चला की ये सिर्फ विटामिन “C” की कमी थी. इसका मतलब यह कोई बीमारी नहीं थी.
कैंसर भी ठीक इसी तरह है. मानवता के दुश्मनों ने कैंसर इंडस्ट्री खड़ी की और इसे बिजनेस बना कर करोड़ों कमाए.
कैंसर इंडस्ट्री द्वितीय विश्व युद्ध के बाद खूब फली फूली. कैंसर से लड़ने के लिए, इतनी देरी, और अत्यधिक खर्चे की जरूरत नहीं थी. लेकिन जब कैंसर का कारण खोज लिया गया था तो इससे जनता को जागरूक किया जा सकता था. लेकिन नहीं, क्योंकि जो लोग इस धंधे में शामिल थे वो ही सरकार बनाने और गिराने का काम भी करते हैं.
कैंसर के कारण और बचाव के लिए आपको क्या करना है:
जिसको भी कैंसर है उसे सबसे पहले जानना है की कैंसर क्या है. डरने की बात नहीं है, आपको कैंसर के कारण की जांच करनी चाहिए.
क्या आप आजकल सुनते हैं कोई स्कर्वी से मर गया? नहीं, क्योंकि इसका बचाव है.
चूँकि कैंसर सिर्फ विटामिन B17 की कमी है, 15 से 20 Apricot (खुबानी) के बीज खाना पर्याप्त होगा.
अंकुरित गेहूं खाइये. अंकुरित गेहूं चमत्कारिक रूप से कैंसर-रोधी दवा है. इसमें भरपूर मात्रा में द्रव ऑक्सीजन और Laetrile जो बहुत ही मजबूत कैंसर-रोधी है, पाया जाता है. यही Laetrile सेब के बीजों में भी पाया जाता है जो उच्च क्वालिटी का विटामिन B17 (Amygdalin) होता है.
अमेरिका की दवा कम्पनियाँ अब Laetrile का प्रोडक्शन करने लगी हैं.यह दवा मेक्सिको में बनती थी और अमेरिका में स्मगलिंग के जरिये आती है.
डॉक्टर हेरोल्ड मैनर की किताब “Death of Cancer” में लिखा है की Laetrile से कैंसर का ट्रीटमेंट 90% से ज्यादा कामयाब होता है.
किस – किस में Amygdalin (Vitamin B17) पाया जाता है:
फलों के बीज. इनमे भारी मात्रा में प्राकृतिक विटामिन B17 पाया जाता है. सेब के बीज, खुबानी, नासपाती, आडू और सूखे बेर के बीज.
फलियां और अनाज: अंकुरित मसूर, सेम और मटर के दाने.
कड़वा बादाम और भारतीय बादाम.
बेरी: लगभग सभी तरह की बेरी, शहतूत, ब्लूबेरी, रास्पबेरी और स्ट्रॉबेरी.
तिल और सन के बीज.
जई / जौ / बेझर का दलिया, भूरे चावल, ब्लॉक गेंहू, तिल, बाजरा और राई का दलिया.
कैंसर रोधी खाना:
खुबानी के बीज
सेब, आडू, नासपाती, चेरी और बेर के बीज
सेम
बाकला
गेंहूँ के जवारे
बादाम
रास्पबेरी
एल्डर बेरी
स्ट्राबेरी
काले शहतूत
ब्लूबेरी
Buckwheat
ज्वार
जौ
बाजरा
काजू
मकदामिया
अंकुरित बीन
ये सब विटामिन B17 के प्राकृतिक स्रोत हैं.
कैंसर के कारण:
कैंसर का मुख्य कारण है हमारा अव्यवस्थित खान-पान और नशे की लत. न खाने वाले केमिकल ना चाहते हुए भी खाने के साथ खाना. आप जो बर्तन साफ़ करने का लिक्विड और हाथ साफ़ करने का लिक्विड इस्तेमाल करते हैं वो कितना भी साफ़ करने के बावजूद पूरी तरह साफ़ नहीं होता है. और ये दो कैंसर के मुख्य स्रोत हैं.
आप पक्का यही कहेंगे की हम ये नहीं खाते हैं, और बर्तन व हाथ खूब अच्छी तरह से धुलते हैं.
लेकिन आप कितनी भी अच्छी तरह से बर्तन चमका ले या फिर कितनी भी अच्छी तरह से हाथ साफ़ कर ले, लेकिन केमिकलयुक्त ये लिक्विड बर्तनों द्वारा सोख लिए जाते हैं. जब हम इन बर्तनों में खाना बनाते हैं या फिर खाना खाते हैं तो ये केमिकल गरमागरम खाने के साथ घुल जाते हैं और सीधे हमारे पेट में जाते हैं.
इसका भी इलाज है, आप बर्तन धोने के लिक्विड की आधी बोतल खाली करके उसमे उतना ही सिरका मिला ले. बस हो गया.
ये रक्त-कैंसर का कारण है, इससे अपने आपको और अपने परिवार को बचाइए.
कुछ लोग इस लिक्विड से फल और सब्जियां भी धोते हैं. लेकिन ये लिक्विड फलों द्वारा सोख लिया जाता है. इस तरह फल और सब्जियों को धोने के बजाय आप नमक में या नमक के पानी में कुछ देर रखें और उन्हें धो लें. इन्हें ताजा रखने के लिए सिरके में रखें.
इस जानकारी को सिर्फ अपने तक ही सीमित न रखें बल्कि दूसरों को भी बताये. शेयर जरूर करें.
Sources:
http://www.newsrescue.com/secret-uncovered-cancer-not-disease-business/
http://waystobeatcancer.eu/10-proven-alternative-cancer-treatments/
https://draxe.com/vitamin-b17/