सामाजिक

जैसा बोओगे वैसा ही काटोगे – एक प्रेरणादायक कहानी

बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होय.

आप लोगों में से कई ने “नमक का दरोगा” नाम की कहानी तो पढ़ी होगी. जिसमे ईमानदारी और किसी भी तरह की रिश्वत स्वीकार न करने के बावजूद नौकरी से हाथ धोना पड़ता है. लेकिन ईमानदारी का फल अंत में मीठा ही मिला.

इसी तरह की एक कहानी है, आइये इस कहानी से कुछ सीख लें.

एक बार जब एक सफल बिजनेसमैन बूढा हो गया तो उसने अपने बिज़नेस को योग्य हांथों में सौपने की सोची, जो उसके बिज़नेस को पूरी ईमानदारी से आगे बढाए.

इस काम के लिए उसने अपने बच्चों या फिर कंपनी के डाइरेक्टरों को चुनने के बजाय कुछ अलग करने की सोची. उसने अपनी कंपनी के सभी नौजवान कर्मचारियों को अपने पास बुलाया.

उसने कहा: अब मेरे रिटायरमेंट और नए मालिक को चुनने का वक्त आ गया है, और मै चाहता हूँ की वो आप में से कोई हो.

इस बात को सुनकर सभी कर्मचारी आश्चर्यचकित रह गए. बूढ़े मालिक ने आगे कहा: मैं आप सबको एक-एक बीज दे रहा हूँ, यह बहुत ही स्पेशल बीज है. मैं चाहता हूँ की आप सब इस बीज को बोयें और देखभाल करें. आज से ठीक एक साल बाद आपने इस बीज से क्या उगाया है वो दिखाएं. तब मैं आपके पौधे देखूंगा और अगले CEO का निर्णय करूँगा.

उनमे एक कर्मचारी जिसका नाम जिम था, उसे भी सबकी तरह एक बीज मिला. जब शाम को वह घर पहुंचा तो उसने पूरी कहानी अपनी पत्नी को सुनाई. यह सुनकर पत्नी भी बहुत खुश हुई और एक गमला लाई, उसमे मिटटी और खाद आदि डालकर उसमे बीज बो दिया. रोज वो दोनों उस गमले में पानी डालते और पौधे के उगने की प्रतीक्षा करते. लगभग तीन हफ्ते के बाद उसके ऑफिस के कुछ कर्मचारी अपने पौधे के उगने और उनके बढ़ने की बाते करने लगे.

जिम रोज की तरह गमले को देखता लेकिन उसमे किसी पौधे का कोई नामो-निशान तक नहीं था.
धीरे-धीरे महीने गुजरने लगे. सभी अपने-अपने पौधों के बढ़ने की बाते करते थे. लेकिन उसके पास बताने के लिए कुछ भी नहीं था. जिम अपने साथियों से इस बारे में कोई बात नहीं करता था.

लेकिन वह अपने गमले खाद पानी डालना कभी नहीं भूलता था, पता नहीं कब एक छोटा सा पौधा निकल आये.
आखिकार एक साल पूरा हुआ, सभी कर्मचारी पाने -अपने पौधे लेकर आये.

वहीँ जिम ने अपनी पत्नी से कहा की वह खाली गमला ले जाकर क्या करेगा? लेकिन उसकी पत्नी ने कहा की ईमानदार रहो और जो कुछ भी हुआ वह बताना. जिम घबरा रहा था क्यूंकि यह उसके जीवन का सबसे शर्मिंदगी वाला दिन था, लेकिन उसकी पत्नी की बात भी सही थी. जब वह अपना खाली गमला लेकर ऑफिस पहुंचा तो देखा की उसके सभी साथी तरह तरह के पौधे के साथ वहाँ पर थे. सभी के पौधे सुन्दर थे, और सब उसके खाली गमले की वजह से उस पर हंस रहे थे.

तभी मालिक वहां पहुंचा और सबका स्वागत किया और बोलै की आप सबने बहुत ही अच्छे तरह से पौधे उगाये, आज आपमें से कोई एक इस कंपनी का CEO बनेगा. यह सुनकर जिम ने अपना खाली गमला अपने पीछे छुपा लिया.

तभी अचानक मालिक की नजर सबसे पीछे खड़े जिम को अपने खाली गमले को छुपाते हुए पर पड़ी तो उसने उसे आगे बुलाया. जिम डर गया और सोचा की आज पौधा न उगने की वजह से उसकी नौकरी तो गयी.
जब जिम आगे आया तो मालिक ने उससे पूंछा, क्या हुआ तो उसने पूरी कहानी बता दी.

मालिक ने जिम के सिवा सबको बैठने को कहा और घोषणा की, अपने नए CEO का स्वागत करें, उसका नाम है “जिम”.

जिम को अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ. क्यूंकि वह तो एक बीज भी नहीं उगा सका था.
सब के सब आश्चर्य में थे की ऐसा कैसे हो सकता है.

तब मालिक ने कहा, एक साल पहले यहां पर सभी को मैंने एक-एक बीज दिया था और कहा था की इस बीज को बोना और खाद पानी देना और आज मुझे वापस लाकर दिखाना. लेकिन मैंने सबको उबले हुए बीज दिए थे. वो सब मरे हुए बीज थे और उनसे पौधे उगना असंभव था.

जिम के सिवा आप सब पौधे लेकर आये. जब आपने देखा की पौधे नहीं उग रहे हैं तो आपने बीज बदल दिए. केवल जिम ने ईमानदारी से साहस दिखाया और खाली गमला जिसमे मेरा बीज था, लेकर आया. इसलिए जिम है आपका नया CEO.

अगर आप ईमानदार है, तो विश्वास जीतेंगे.
अगर आपमें अच्छाई है, तो आप दोस्ती जीतेंगे.
अगर आपमें मानवता है, तो आप महानता जीतेंगे.
अगर आप धैर्यवान हैं, तो आप संतोषी होंगे.
अगर आप कठिन परिश्रम करते हैं, तो जरूर सफल होंगे.
अगर आप दयावान होंगे, तो सबसे सामंजस्य बिठा पाएंगे.
अगर आपका ईश्वर पर विश्वास हैं, तो आप फसल काट पाएंगे.

इसलिए आप पर निर्भर करता है की आप आज जो बोयेंगे वही बाद में काटेंगे.

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